Wednesday 17 August 2016

रावण सहिंता से समस्या निवारण (नागपाश) प्रयोग -:एक अचूक उपाय** सबसे शक्तिशाली उपाय

दंश चाहे रिश्तो में हो , रुपये पैसे में हो , शादी नौकरी में हो , रोग कर्ज़ में हो । जहर तो परेशान कर ही रहा है थोडा या बहुत ।सर्प चाहे शनि का हो या बिगड़े मंगल का या बिगड़े शुक्र का या कालसर्प का । अब काबू करना ही है । और जीनी है एक खुशहाल जिंदगी , घुटन से दूर ऐसी जिंदगी जिसमे रोज़ रोना न हो एक ख़ुशी भरी जिंदगी जिसमे हर काम बनते जाए कोई भी काम ना बिगड़े ।            
उपाय ::

असली उपाय तो यह है की एक प्रतीकात्मक रूप में (अभिमंत्रित )सांप की केंचुली लो ,कोई हथेली जितनी । इसमें नीला थोथा (जहर) भरो थोडा सा । और इसको काले कपडे में लपेट कर अपने गद्दे के नीचे रख लो । यह एक साक्षात् सर्प के रूप में दब जायेगा । कितना भी बिगड़े से बिगड़ा रिश्ता हो वो सुधर जायेगा अपने आप चला के एक चमत्कार की तरह ।तलाक का बिगड़ा से बिगड़ा मामला भी , और रिश्ते की तो कहना ही क्या । छोटी मोटी पति पत्नी की कलह , किसी का रिश्ते से इंकार इत्यादि सब अपने आप सुधरने लगेंगे ।

यदि यह उपाय मुश्किल लगता है तो ।


जिनको यह न मिले

वो कोई रस्सी ले ले हथेली भर । मुंज (अभिमंत्रित) की हो तो ज्यादा अच्छा । नीला थोथा नहीं मिले तो बाजार से allout liquid ले आये । इसमें रस्सी को भिगो ले ।कपूर जला के उसके ऊपर से घुमा ले उल्टा । काले कपडे में लपेट ले ।और गद्दे के नीचे रख दे । कैसे भी कर ले । ज्यादा असर के लिए अपने सिरहाने मोरपंख भी रख सकते है ।

और निश्चिन्त हो जाये ।

सारी दिक्कत अपने आप सही होने लगेंगी ।


यह जानकारी एक वरिष्टविजय जी  द्वारा दी गई है | 

( यह सारे उपाय किसी जानकार की देखरेख में ही करें | किसी भी त्रुटी के लिए आप स्वयं जवाबदार होंगे लेखक नहीं )

Thursday 5 May 2016

सही ज्योतिष सलाहकार का चुनाव कैसे करें



ज्योतिष दिव्य विज्ञान विषय की मदद के माध्यम से हर कोई जीवन में बहुत जल्द प्रगति करना चाहता है। शहर में कई लोग अपनी अर्धकचरी ज्योतिष जानकारी से समाज को गुमराह कर रहें हैं। ऐसे में थोड़ी सी सावधानी से आप, ज्योतिष दिव्य विज्ञानं में आपकी आस्था से किया जाने खिलवाड़ को रोक सकतें हैं। साथ ही साथ ज्योतिष पवित्र शास्त्र की गरिमा संरक्षित रखने में भी आपका पुण्य योगदान हो सकेगा।

सदैव ध्यान रखें:

अपनी भविष्यवाणी को बढ़ाचढ़ा कर कर पेश करने वालों को दूर से ही नमस्कार कर लें।

निशुल्क या स्वेच्छाशुल्क द्वारा ज्योतिष परामर्श देने वाले महान पंडित जी से किसी भी तरह का परामर्श लेने के पहले समझ लें ये आपके जीवन में उपयोगी नहीं सिद्ध होगा।

अपनी समस्या या जन्म कुंडली को सोशल साइट्स पर ज्यादा पंडित को दिखाने के फेर में न रहें। इससे भ्रम की स्तिथि का शिकार होकर अपने कर्म में दिशाहीनता को प्राप्त हो सकने की सम्भावना प्रबल ही करेंगे।

जन्मपत्रिका, फलित, समय की विवेचना किसी ऐसे ज्योतिष जानकर से ही प्राप्त करें जो कम से कम एक निर्धारित मात्रा में आपकी पत्रिका और आपको समय दे सकने की स्तिथि में हो।

फ्री परामर्श के वजाय शुल्क / दक्षिणा के साथ ही ज्योतिष परामर्श प्राप्त करने का नियम बांध लें।

दूरभाष के वजाय परामर्श प्राप्ति हेतु अपने ज्योतिष जानकर दोस्त तक व्यक्तिगत रूप से पहुचने का माध्यम ही हितकर जाने। जाहिर सी बात है की किसी का भी personal attention सामने उपस्थित होकर ही प्राप्त करा जा सकता है।

व्यक्तिगत परामर्श के दौरान होने वाला discussion अपनी एक या दो तात्कालिक समस्या तक ही सिमित रखें।

ज्योतिष जानकर भाई से अपनी जीवन में हुए कुछ recent progress/downfall का accurate samay आधारित विवरण discussion के शुरुआत में जानने का प्रयास करें। धयान रखें इस के द्वारा आप पंडित जी की विषय कुशलता तो समझ ही लेंगें साथ ही साथ कुंडली ठीक बनी है या नहीं, ये भी पुष्ट हो सकेगा।

ज्योतिष परामर्श के दौरान सभी बातचीत के तथ्य नोट जरुर करें।

अच्छा समय कब बन रहा है ?

ये जानकारी अवश्य ले। ध्यान रखें आपका वक्त और जन्म पत्रिका कितनी भी दुर्बल क्यों न हो, आने वाला "अच्छा समय की जानकारी मात्र ही आपके हौसले को बुलन्द्कर आपके समय को आज से ही बदल सकने में पूर्णतया सक्षम है"।

यदि आप दुर्बल समय के चलते ग्रह सम्बंधित कोई उपाय करने हेतु गम्भीर, प्रबल इच्छायुक्त एवं द्रर्ण संकल्पित हैं तो आपकी जीवनशैली अनुरूप उपाय की जानकारी हेतु निवेदन अवश्य करें। 

हर उपाय हर किसी के लिए सामान रूप से उपयोगी नहीं साबित होते हैं। व्यक्तिगत परामर्श में बातचीत की संजीदगी के माध्यम से आपकी जीवनशैली के अनुसार ही उपाय बताने की सम्भावना बनती है।

बताये गए उपाय पर कम से कम तीन माह अमल जरुर करें। कुछ शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक उर्जा बदलने के शुरुआती संकेत होते हैं जो आप खुद भी notic कर सकने में समर्थ हैं।

उर्जा संतुलन हेतु किये जा रहें उपाय मन्त्र जप, हवन, नमक सेवन वर्जन, जल सेवन वर्जन, दान, यन्त्र धारण स्रोत/ कवच पाठ के द्वारा बनने वाले आत्मिक वैचारिक बल बदलाव को कैसे समझा जाये ये आपका सलाहकार आपको पूर्व में ही guide कर सकने में समर्थवान हो सकता है।

धयान रखें की उपाय शुरू करते ही 2 हफ्ते के भीतर ( चंद्रमा 180 डिग्री, सूर्य 15 डिग्री गोचर भ्रमण दौरान) ही ग्रहबल वर्धन की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। अश्थापूर्वक उपाय करने के बावजूद भी लाभ न मिलने की दशा में अपने astrologer को पुनः संपर्क कर इस बारे में जरुर बताएं।

कलियुग में कोई भी इन्सान किसी भी रूप में आपकी मदद को पूर्णतया तभी तैयार होगा जब आप पूर्ण श्रद्धा भाव से व्यक्तिगत रूप से मिलकर कुछ निवेदन करेगें।

गुरु का स्थान गोविन्द से भी बड़ा है। 

सही नीयत और जानकारी वाले गुरु तक पहुचना एक अनिवार्य नियम है। इसकी अवहेलना से बचकर रहना ही सुमति का परिचायक है, बाकि आपकी मर्जी..