Saturday 28 September 2013

कुछ उपयोगी टोटके


छोटे-छोटे उपाय हर घर में लोग जानते हैं, पर उनकी विधिवत् जानकारी के अभाव में वे उनके लाभ से वंचित रह जाते हैं। यहाँ  उपयोगी टोटकों की विधिवत् जानकारी दी जा रही है। घर में सदा अन्न का भंडार बना रहे आश्लेषा नक्षत्र में बरगद वृक्ष का एक पत्ता तोड़ कर लायें। उस पत्ते को गंगाजल से छींटा मारकर धूप देकर प्रार्थना करें कि हे अन्नपूर्णा देवी मेरे घर में सदा अन्न का भंडार भरा रहे कभी इसकी कमी न हो। उस पत्ते को चावल या गेहूं के अंदर दबा कर रख देने से कभी कमी नहीं होगी। इसका प्रयोग बहुत आसान है और इसका प्रभाव रामबाण की तरह है। - शुक्ल पक्ष में जिस दिन पुष्य नक्षत्र हो तब श्वेत गुंजा की जड़ को लाकर उसे धूप दीप से पूजा कर घर में रखने से घर में चोरी होने का भय नहीं रहता है। - सुदर्शन की जड़ हो या अपामार्ग की जड़ हो अथवा घुंघची जड़ हो इनको किसी ताबीज में रख कर दाहिनी भुजा में बांध लेने से हथियार व शस्त्र से शरीर की रक्षा हो जाती है। उक्त मंत्र से 21 बार जाप करके बांधें (ऊँ दुर्गे दुर्गे रक्षिणी स्वाहा)। फसल की सुरक्षा के लिए सफेद सरसों तथा बालू को एक साथ मिलाकर खेत के चारों ओर जल देने से खेत में चूहों से, कीड़ों से एवं टिड्डी आदि से फसल की रक्षा होती है। टोने-टोटके को बेअसर करने के लिए - पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र में बहेड़े का पत्ता लाकर घर में रख देने से शत्रु द्वारा घातक टोटके बेअसर हो जाते हैं। तंत्र मंत्र सभी से रक्षा होती रहती है। यह बहुत ही उपयोगी पत्ता है। नींद में भय दूर करने के उपाय - मघा नक्षत्र में पीपल की जड़ को लाकर उसे शुद्ध जल से धोकर धूप देकर अपने तकिया में रखने से कभी सोने में भय नहीं लगता न खराब स्वप्न आते हैं। संतान प्राप्ति हेतु - जो स्त्री निःसंतान है जिसको बांझ भी बोलते हैं उसे पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र में आम की जड़ को गाय के दूध में घिसकर पिलाने से उसे संतान हो जाती है। इस नक्षत्र में यह प्रयोग करती रहें। इसी प्रकार उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में नीम की जड़ को लाकर स्त्री अपने पास में किसी लाल कपड़े में बांध कर शरीर पर धारण करे तो जो दोष होता है वह शांत हो जाता है। तब संतान हो जाती है। भूत-प्रेत दोष को समाप्त करने के लिए - हस्त नक्षत्र में चंपा की जड़ को कच्चे दूध व गंगा जल से पवित्र करके गले में ताबीज में भरकर धारण करें तो यह दोष समाप्त हो जाता है। गोरापन व सुंदरता हेतु - स्वाति नक्षत्र मं मोगरा की जड़ लेकर भैंस के दूध में घिसकर पीने से रंग में परिवर्तन व मुख सुंदर होता है। शत्रुता समाप्त करने हेतु - अनुराधा नक्षत्र में चमेली की जड़ को लाकर गले में ताबीज में भरकर पहनने से शत्रु मित्र बन जाता है।

1 comment: