अधिकांश
घर ऐसे हैं जहां चूहों की समस्या एक आम बात है। चूहों के कारण कई बार अनाज
के साथ ही कपड़ों और अन्य मूल्यवान चीजों का नुकसान हो जाता है।
ऐसे
में काफी लोग चूहों को मारने के लिए बाजार में मिलने वाली दवा का प्रयोग
करते हैं। ये दवा खाकर चूहे घर में ही इधर-उधर मर जाते हैं, जिसकी बदबू
पूरे घर में फैल जाती है।
यदि आपके घर में चूहों के कारण अत्यधिक
नुकसान होता है और उन्हें मारने से फैलने वाली बदबू से भी मुक्ति पाना
चाहते हैं तो यह उपाय करें। उपाय के अनुसार बाजार से मिट्टी का एक घड़ा या
मटका लेकर आएं। इसके बाद यह मटका घर लाकर इस प्रकार फोड़ें कि उसके कम से
कम चार टुकड़े हो जाएं।
मटके के चार टुकड़े लेकर काजल से उनके ऊपर
चूहे भगाने का चमत्कारी मंत्र लिखें। मंत्र: ऊँ क्रौं क्रां। यह मंत्र
मटके के टुकड़ों पर लिखने के बाद चारों टुकड़े घर के चारों कोनों में रख
दें या गाड़ दें। यह एक तांत्रिक उपाय है। इस संबंध में किसी भी प्रकार की
शंका या संदेह न करें, अन्यथा इसका प्रभाव निष्फल हो जाता है।
एक
अन्य टोटका: जिस घर में चूहों के कारण परेशानियां रहती हैं और बार-बार
वस्तुओं का नुकसान होता है उन्हें ऊंट के दाएं पैर का नाखुन का उपाय करना
चाहिए।
यदि कहीं से आपको ऊंट के दाएं पैर का नाखुन मिल जाए तो उसे
अपने घर ले आएं और घर में जहां चूहे रहते हैं उस स्थान पर वह नाखुन रख
दें। इस नाखुन को स्पर्श करते ही चूहे आपके घर से भागने लगेंगे।
ज्योतिष में चूहों के संबंध में भी कुछ शकुन और अपशकुन बताए गए हैं।
ऐसा माना जाता है कि यदि किसी जहाज से चूहे भागने लगे तो समझ लेना चाहिए कि कोई दुर्घटना होने वाली है। जहाज पानी में डूब सकता है।
यदि घर में काले चूहे एकदम काफी अधिक हो जाए तो समझ लेना चाहिए कि घर में कोई सदस्य किसी गंभीर बीमारी की गिरफ्त में आ सकता है।
जब घर में चूहे लकड़ी के फर्नीचर को कुतरना शुरू कर दे तो समझ लेना चाहिए
कि उस घर में कोई बुरी घटना हो सकती है या कोई दुखद समाचार मिल सकता है।
यदि किसी घर में कोई छोटा बच्चा है और उस बच्चे का दूध का दांत गिरने पर
चूहे ले जाए और बिल में डाल दे तो समझ लेना चाहिए कि बच्चे के दांत जीवनभर
बहुत मजबूत रहेंगे।
शास्त्रों के अनुसार प्रथम पूज्य भगवान
श्रीगणेश का वाहन चूहा ही है। इसी वजह से अकारण चूहों को मारने से जीव
हत्या पाप भी लगता है। अत: कोशिश यही करना चाहिए चूहों को घर से भगा दिया
जाए। उन्हें मारने उचित नहीं है। यदि चूहे घर में ही मर जाते हैं तो घर में
दुर्गंध फैल जाती है, जो कि हमारे स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक है। मरे
हुए चूहों की बदबू से घर का वातावरण भी प्रदूषित हो जाता है।
शास्त्रों के अनुसार सभी देवी-देवताओं के वाहन अलग-अलग और विचित्र बताए
हैं। किसी भी देवता का वाहन अज्ञान और अंधकार की शक्तियों का प्रतिनिधित्व
करते हैं जिसका नियंत्रण वह देवता करते हैं। गणेशजी का वाहन है मूषक यानि
चूहा। गणपति को विशालकाय बताया गया है जबकि उनका वाहन मूषक अति लघुकाय है।
चूहे
को धान्य अर्थात् अनाज का शत्रु माना जाता है और श्रीगणेश का उस नियंत्रण
रहता है। अत: श्रीगणेश का वाहन मूषक यह संकेत देता है कि हमें भी हमारे
अनाज, संपत्ति आदि को बचाकर रखने के लिए विनाशक जीव-जंतुओं पर नियंत्रण
करना चाहिए। वहीं हमारे जीवन में जो लोग हमें नुकसान पहुंचा सकते हैं उन पर
भी पूर्ण नियंत्रण किया जाना चाहिए। ताकि जीवन की सभी समस्याएं समाप्त हो
जाए और हम सफलताएं प्राप्त कर सके।
इन सभी बातों को अपनाने से हमारे
जीवन की कई परेशानियां दूर हो जाएंगी। धन, संपत्ति और धर्म के क्षेत्र में
उल्लेखनीय सफलताएं प्राप्त होंगी। घर-परिवार और समाज में मान-सम्मान मिलेगा
Very Useful Thanks.....
ReplyDeleteVery Useful Thanks.....
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