Wednesday 28 May 2014

काल सर्प दोष निवारण हरतु कुछ आसान से उपाय



कालसर्प दोष निवारण हेतु कुछ साधारण से उपाय
भी हैं जिनसे इस दोष का निवारण किया जा सकता है.
यदि पति-पत्नी या प्रेमी-प्रेमिका में
क्लेश हो रहा हो, आपसी प्रेम
की कमी हो रही हो तो भगवान
श्रीकृष्ण की मूर्ति या बालकृष्ण
की ‍मूर्ति जिसके सिर पर मोरपंखी मुकुट
धारण हो घर में स्थापित करें एवं प्रतिदिन उनका पूजन करें एवं
ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय अथवा ऊँ नमो वासुदेवाय कृष्णाय
या ॐ नम: शिवाय का यथाशक्ति जाप करे. कालसर्प योग
की शांति होगी।
यदि कुंडली में कालसर्प दोष है तो नित्य
प्रति भगवान शिव के परिवार का पूजन करें. आपके हर काम होते
चले जाएँगे.यदि रोजगार में तकलीफ आ
रही है अथवा रोजगार प्राप्त
नहीं हो रहा है तो पलाश के फूल गोमूत्र में
डूबाकर उसको बारीक करें. फिर छाँव में रखकर सुखाएँ.
उसका चूर्ण बनाकर चंदन के पावडर में मिलाकर शिवलिंग पर
त्रिपुण्ड बनाए.21 दिन या 25 दिन में नौकरी अवश्य
मिलेगी.
शिवलिंग पर प्रतिदिन मीठा दूध में
थोड़ी भाँग डाल दें, फिर इसे शिवलिंग पर चढ़ाएँ इससे
गुस्सा शांत होता है, साथ
ही सफलता तेजी से मिलने
लगती है.
यदि शत्रु से भय है तो चाँदी के अथवा ताँबे के सर्प
बनाकर उनकी आँखों में सुरमा लगा दें, फिर
किसी भी शिवलिंग पर चढ़ा दें, भय दूर
होगा व शत्रु का नाश होगा, नारियल के गोले में सप्त धान्य(सात
प्रकार का अनाज), गुड़, उड़द की दाल एवं सरसों भर
लें व बहते पानी में बहा दें अथवा गंदे
पानी में (नाले में) बहा दें, आपका चिड़चिड़ापन दूर
होगा। यह प्रयोग राहूकाल में करें.
कालसर्प योग वाले श्रावण मास में प्रतिदिन रूद्र-अभिषेक कराए
एवं महामृत्युंजय मंत्र की एक माला रोज करें.
जीवन में सुख शांति अवश्य आएगी और
रूके काम होने लगेंगे.साथ ही साथ शुभ मुहूर्त में
बहते पानी में कच्चा कोयला तीन बार
प्रवाहित करें.
हनुमान चालीसा का 108 बार पाठ करें तथा भोजनालय
(घर की रसोई )में बैठकर भोजन करें.साथ
ही तांबे का बना सर्प विधिवत पूजन के उपरांत
शिवलिंग पर समर्पित करें. इससे अनुकूल प्रभाव पड़ेगा और
कालसर्प दोष का निवारण होगा.

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