Thursday 12 August 2021

अकेले अनदेखे ग्रह का प्रभाव

जब कोई ग्रह कुंडली में किसी भी भाव में अकेला बैठा हो और उस पर किसी भी ग्रह की दृष्टि न पड़ रही हो तो उसके फल में विशेषता आ जाती है जो कि निम्न प्रकार की होगी-

 

सूर्य - अकेला सूर्य किसी भाव में हो और उस पर किसी भी ग्रह की दृष्टि न हो तो जातक अपने बूते पर तरक्की करता है और धनवान बनता है।

 

चंद्र -  अकेला चंद्र किसी भाव में हो और उस पर किसी भी ग्रह की दृष्टि न हो तो ऐसा जातक अपने कुल की रक्षा करने वाला, दयालु व नम्र स्वभाव का होता है। किसी भी विपरीत परिस्थिति में अपने आप को बचाने की अद्भुत शक्ति उसमें होती है।

 

मंगल - अकेला मंगल किसी भी भाव में हो और उस पर किसी भी ग्रह की दृष्टि न हो तो जातक बहादुर तो बनता है पर वह स्वतंत्र नहीं रहता। उसे अपनी शक्तियों का अहसास नहीं रहता।

 

बुध - अकेला बुध किसी भी भाव में हो और उस पर किसी भी ग्रह की दृष्टि न हो तो जातक लोभी, लालची रहता है। देश विदेश में आवारा सा घूमता है।

 

गुरु - अकेला गुरु किसी भी भाव में हो और उस पर किसी भी ग्रह की दृष्टि न हो तो जातक के जीवन पर कोई भी अशुभ प्रभाव नहीं डालता।

 

शुक्र - अकेला शुक्र किसी भी भाव में हो और उस पर किसी भी ग्रह की दृष्टि न हो तो जातक पर कोई भी अशुभ प्रभाव नहीं डालता।

 

शनि - अकेला शनि किसी भी भाव में हो और उस पर किसी भी ग्रह की दृष्टि न हो तो सामान्य फल देता है।

 

राहु - अकेला राहु किसी भी भाव में हो और उस पर किसी भी ग्रह की दृष्टि न हो तो जातक किसी की परवाह नहीं करता। जातक की रक्षा वह अवश्य करता है किंतु आर्थिक दृष्टि से सामान्य ही रखता है।

 

केतु -  केतु अकेला किसी भी भाव में हो और उस पर किसी भी ग्रह की दृष्टि न पड़ रही हो तो जातक को हर तरह से ताकतवर बनाता है। वह जातक को आर्थिक दृष्टि से सामान्य ही रखता है।

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